पंचकल्याणक अर्घ्य
।। भगवान श्री संभवनाथ जी ।।

पंचकल्याणक अर्घ्य

गर्भकल्याणकअर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंफाल्गुन शुक्लाष्टम्यां गर्भकल्याणक प्राप्ताय श्रीसंभवनाथ - तीर्थंकराय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

जन्मकल्याणकअर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंकार्तिक शुक्लापूर्णिमायां जन्मकल्याणक प्राप्ताय श्रीसंभवनाथ - तीर्थंकराय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

दीक्षाकल्याणकअर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंमार्गशीर्षशुक्लापूर्णिमायां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्रीसंभवनाथ - तीर्थंकराय अर्घ्यं निर्वपमाीतिस्वाहा।

केवलज्ञानकल्याणकअर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंकार्तिककृष्णाचतुथ्र्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्रीसंभवनाथ - तीर्थंकरायअ र्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

मोक्षकल्याणकअर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंचैत्रशुक्लाषष्ठ्यां मोक्षकल्याणकप्राप्ताय श्रीसंभव्नााथ तीर्थंकराय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

ॐ ह्रीं श्रीसंभवनाथपंचकल्याणकाय पूर्णाऱ्या निर्वपामीतिस्वाहा।

शांतयेशांतिधारा, दिव्यपुष्पांजलिः।

जाप्य - ॐ ह्रीं श्रीसंभवनाथ जिनेन्द्राय नमः।

Bhagwan Shri Sambhavnath Ji