पंचकल्याणक अर्घ्य
।। भगवान श्री चन्द्रप्रभु जी ।।

पंचकल्याणक अर्घ्य

गर्भकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंचैत्रकृष्णापंचम्यां श्रीचंद्रप्रभतीर्थंकर गर्भकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

जन्मकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंपौषकृष्णाएकादश्यां श्रीचन्द्रप्रभतीर्थंकर जन्मकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

दीक्षाकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंपौषकृष्णाएकादश्यां श्रीचन्द्रप्रभतीर्थंकर दीक्षाकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

केवलज्ञानकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंफाल्गुनकृष्णासप्तम्यां श्रीचन्द्रप्रभतीर्थंकर ज्ञानकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

मोक्षकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं अर्हंफाल्गुनशुक्लासप्तम्यां श्रीचन्द्रप्रभतीर्थंकर मोक्षकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

ॐ ह्रीं श्रीचंद्रप्रभपंचकल्याणकाय पूर्णायँ निर्वपामीतिस्वाहा।

शांतयेशांतिधारा, दिव्यपुष्पांजलिः।

जाप्य - ॐ ह्रीं श्रीचन्द्रप्रभ जिनेन्द्राय नमः।

Bhagwan Shri Abhinandan Ji