पंचकल्याणक अर्घ्य
गर्भकल्याणक अर्घ्य
ॐ ह्रीं श्रावणकृष्णाद्वितीयायां श्रीमुनिसुव्रतनाथजिन गर्भकल्याणकाय अर्घ्य निर्वपामीतिस्वाहा।
जन्मकल्याणक अर्घ्य
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णाद्वादश्यां श्रीमुनिसुव्रतनाथजिन जन्मकल्याणकाय अर्घ्य निर्वपामीतिस्वाहा।
दीक्षाकल्याणक अर्घ्य
ॐ हीं वैशाखकृष्णादशम्यां श्रीमुनिसुव्रतनाथतजिन दीक्षाकल्याणकाय अर्घ्य निर्वपामीतिस्वाहा।
केवलज्ञानकल्याणक अर्घ्य
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णानवम्यां श्रीमुनिसुव्रतनाथजिन केवलज्ञानकल्याणकाय अर्घ्य निर्वपामीतिस्वाहा।
मोक्षकल्याणक अर्घ्य
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाद्वादश्यां श्रीमुनिसुव्रतनाथजिन मोक्षकल्याणकाय अर्घ्य निर्वपामीतिस्वाहा।
ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथ पंचकल्याणकाय पूर्णायँ निर्वपामीतिस्वाहा।
शांतयेशांतिधारा, दिव्यपुष्पांजलिः।
जाप्य - ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नमः।