पंचकल्याणक अर्घ्य
।। भगवान श्री धर्मनाथ जी ।।

पंचकल्याणक अर्घ्य

गर्भकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लात्रयोदश्यां श्रीधर्मनाथतीर्थंकर गर्भकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

जन्मकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं माघशुक्लात्रयोदश्यां श्रीधर्मनाथतीर्थंकर जन्मकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

दीक्षाकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं माघशुक्लात्रयोदश्यां श्रीधर्मनाथतीर्थंकर दीक्षाकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

केवलज्ञानकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं पौषशुक्लापूर्णिमायां श्रीधर्मनाथतीर्थंकर केवलज्ञानकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

मोक्षकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं ज्येष्ठशुक्लाचतुथ्र्यां श्रीधर्मनाथतीर्थंकर मोक्षकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

ॐ ह्रीं श्रीधर्मनाथतीर्थंकर पंचकल्याणकाय पूर्णाघ्र्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

शांतयेशांतिधारा, दिव्यपुष्पांजलिः।

जाप्य - ॐ ह्रीं श्रीधर्मनाथ जिनेन्द्राय नमः।

Bhagwan Shri Dharmnath Ji