प्रश्न 200 - कौन-से तीर्थंकर का समवसरण सबसे बड़ा था और कितना?
उत्तर - श्री आदिनाथ जी का समवसरण 12 योजन (96) विस्तृत था।
प्रश्न 201 - कौन से तीर्थंकर का समवसरण सबसे छोटा था और कितना?
उत्तर - 24वें श्री महावीर स्वामी का समवसरण 1 योजन अर्थात 4 कोश का था।
प्रश्न 202 - तीर्थंकरों के लिए वस्त्रादि एवं भोजन की व्यवस्था कहां से होती हैं?
उत्तर - तीर्थंकरों के भोजन एवं वस्त्रादि की व्यवस्था स्वर्ग से होती है।
प्रश्न 203 - क्या तीर्थकर अपनी माता का दूध पीते हैं?
उत्तर - तीर्थंकर अपनी माता का दूध नहीं पीते हैं।
प्रश्न 204 - क्या तीर्थंकर अपने माता-पिता को नमस्कार करते हैं?
उत्तर - तीर्थंकर अपने माता-पिता केा भी नमस्कार नहीं करते हैं।
प्रश्न 205 - श्री सुपाश्र्वनाथ एवं पाश्र्वनाथ जी में किन-किन बातों में समानता पायी जाती है?
उत्तर - निम्न बातों में समानता पायी जाती है- 1 - दोनों तीर्थंकरों का गर्भ - जन्म कल्याणक बनारस में हुआ था। 2 - दोनों तीर्थंकरों का हरित श्याम वर्ण था। 3 - दोनों तीर्थंकरों की प्रतिमाओं पर सर्प का फण पाया जाता है। 4 - दोनों तीर्थंकरों का गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान कल्याणक विशाखा नक्षत्र में हुआ था। 5 - दोनों तीर्थंकरों ने पूर्वाण्ह काल में दीक्षा ली थी। 6 - दोनों तीर्थंकरों को मोक्ष सप्तमी तिथि को हुआ था। 7 - दोनों तीर्थंकरों को मोक्ष सम्मेदशिखर से हुआ था।
प्रश्न 206 - मिथला नगरी में जन्म लेने वाले तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - 19 वें श्री मल्लिनाथ जी एवं 21 वें नमिनाथ जी।
प्रश्न 207 - इक्ष्वाकुवंश में जन्म लेने वाले कितने तीर्थंकर थे?
उत्तर - सत्रह तीर्थंकर।
प्रश्न 208 - इक्ष्वाकु वंश में जन्म लेने वाले तीर्थंकरों के नाम बताइये?
उत्तर - (1) श्री आदिनाथ जी से लेकर अनंतनाथजी, शांतिनाथजी, श्री मल्लिनाथ जी, श्री नमिनाथ जी।
प्रश्न 209 - कुरूवंश में कौन-कौन से तीर्थंकरों ने जन्म लिया है?
उत्तर - 25वें श्री धर्मनाथजी, 17वें श्री कुंथुनाथजी, 18 वें श्री अरहनाथ जी इन तीन तीर्थंकरों ने कुरू वंश में जन्म लिया है।
प्रश्न 210 - यादव वंश में कौन-कौन से तीर्थंकरों ने जन्म लिया है?
उत्तर - 20 वें मुनिसुव्रतनाथ जी एवं 22वे श्री नेमिनाथजी।
प्रश्न 211 - उग्र वंश में कौन से तीर्थंकर ने जन्म लिया था?
उत्तर - 23वें श्री पाश्र्वनाथ जी ने।
प्रश्न 212 - श्री महावीर भगवान ने कौन से वंश में जन्म लिया था?
उत्तर - नाथ वंश में।
प्रश्न 213 - चैबीसों तीर्थंकरों के कुल कितने गणधर थे?
उत्तर - चैबीस तीर्थंकरों के कुल चैदह सौ उनसठ गणधर थे।
प्रश्न 214 - गणधर किसे कहते हैं?
उत्तर - जो मुनि, भगवान की बारह सभाओं रूपी इन बारह गणों के स्वामी माने जाते हैं वे गणनायक, गणधर, गणपति, विनायक आदि नामों से जाने जाते हैं उन्हें गणधर कहते हैं।
प्रश्न 215 - बारह गण कौन-कौन से हैं?
उत्तर - भगवान के समवसरा में जो बारह सभायें बारह कोठे होते हैं उन्हें ही बारह गण कहते हैं।
प्रश्न 216 - अशोक वृक्ष किसे कहते हैं?
उत्तर - तीर्थंकर को जिस वृक्ष के नीचे केवलज्ञान होता है उसे अशोक नाम से जाना जाता है?
प्रश्न 217 - अशोक नाम की सार्थकता बताइये।
उत्तर - समस्त प्राणियों का शोक हरने से इस वृक्ष का अशोक नाम सार्थक है।
प्रश्न 218 - शाल वृक्ष के नीचे कौन-कौन से तीर्थंकरों को केवलज्ञान हुआ है?
उत्तर - श्री मुमतिनाथ जी व श्री पद्मप्रभु जी।
प्रश्न 219 - पीपल वृक्ष के नीचे कौन-से भगवान को केवलज्ञान हुआ था?
उत्तर - श्री अनंतनाथ जी को।
प्रश्न 220 - आम्रवृक्ष के नीचे कौन-से तीर्थंकर को केवलज्ञान हुआ था?
उत्तर - श्री अरहनाथजी को।
प्रश्न 221 - तीर्थंकरों के सबसे अधिक कल्याणक कौन-से महीने में आते हैं और कितने?
उत्तर - चैत्र के महीने में सत्रह कल्याणक।
प्रश्न 222 - तीर्थंकर के सबसे कम कल्याणक कौन-से महीने में आते और कितने?
उत्तर - आश्विन के महीने में केवल तीन कल्याणक।