।। चैबीस तीर्थंकर एवं विद्यमान बीस तीर्थंकर ।।

प्रश्न 223 - श्री सुमतिनाथ भगवान के कौन-से तीन कल्याणक एक ही तिथि को हुए हैं?

उत्तर - चैत्र शुक्ला ग्यारस को जन्म ज्ञान व मोक्ष कल्याणक।

प्रश्न 224 - कौन से तीर्थंकरों के तीन कल्याणक एक ही तिथि को हुए हैं?

उत्तर - (1) श्री कुंथुनाथजी के जन्म, तप एवं मोक्ष कल्याणक वैशाख शुक्ला प्रतिपदा को हुए हैं।
(2) श्री शांतिनाथ जी का जन्म तप एवं मोक्ष कल्याणक ज्येष्ठ चैदस को हुए हैं।
(3) श्री सुमतिनाथ जी के जन्म, ज्ञान और मोक्ष कल्याणक चैत्र शुक्ला एकादशी को हुए हैं।

प्रश्न 225 - ऐसे तीर्थंकरों के नाम व तिथि बताइये जिनके जन्म व तप कल्याणक एक ही तिथि को हुए हों?

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उत्तर - नाम तिथि
(1) श्री आदिनाथ जी - चैत्र कृष्णा 9
(2) श्री अनंतनाथ जी - ज्येष्ठ कृष्णा 12
(3) श्री सुपाश्र्वनाथ जी - ज्येष्ठ शुक्ला 12
(4) श्री नमिनाथ जी - आषाढ कृष्णा 10
(5) श्री नेमिनाथ जी - श्रावण शुक्ला 6
(6) श्री पद्प्रभु जी - ज्येष्ठ कृष्णा 12
(7) श्री पुष्पदंत जी - मंगसिर शुक्ला 1
(8) श्री मल्लिनाथ जी - मंगसिर शुक्ला 11
(9) श्री चंदा प्रभु जी - पौष कृष्णा 11
(10) श्री पाश्र्वनाथ जी - पौष कृष्ण 11
(11) श्री शीतलनाथ जी - माघ कृष्णा 12
(12) श्री धर्मनाथ जी - माघ शुक्ला 13
(13) श्री श्रेयांसनाथ जी - फाल्गुन कृष्णा 11
(14) श्री वासुपूज्य जी - फाल्गुन कृष्णा 14

प्रश्न 226 - उन तीर्थंकर का नाम बताइये जिनके ज्ञान और मोक्ष कल्याणक एक ही तिथि को हुए हैं।

उत्तर - श्री अनंत नाथ जी - चैत्र कृष्णा 30

प्रश्न 227 - उन तीर्थंकर का नाम बताइये जिनका गर्भ व मोक्ष कल्याणक एक ही तिथि को हुआ हो?

उत्तर - श्री अभिनंदननाथ जी - बैशाख शुक्ला 6

प्रश्न 228 - वे कौन सी तिथियां हैं जिसमें दो तीर्थंकरों के चार कल्याणक हुए हों?

उत्तर - पौष शुक्ला 11 वे चन्द्रप्रभु एवं पाश्र्वनाथ जी के जनम व तप कल्याणक हुए हैं।

प्रश्न 229 - वे कौन सी तिथियां हैं जिनमें दो तीर्थंकरों के तीन कल्याणक हुए हैं?

उत्तर - 1 - चैत्र कृष्णा 30 श्री अनंतनाथजी के ज्ञान व मोक्ष तथा अरहनाथ भगवान को मोक्ष हुआ था।
2 - मगसिर कृष्णा 1 मल्लिनाथ जी के जन्म व तप तथा नमिनाथ जी को केवलज्ञान हुआ था।
3 - फाल्गुन कृष्णा 1 श्री आदिनाथ जी को केवलज्ञान तथा श्रेयांसनाथ जी का जन्म व तपक ल्याणक हुआ था।

प्रश्न 230 - चैबीस तीर्थंकरों के नाम व चिन्हों को बतलाने वाली पद्य बताइये।

उत्तर - पद्य निम्न प्रकार है-

वृषभ चिन्ह आदीश का हाथी अजित जिनेश।
घोड़ा सम्भवनाथ का बन्दर अभिनदेश।।1।।
चकतवा सुमति जिनेश का कमल पद्म का जान।
स्वास्तिक चिन्ह सुपाश्र्व का चन्द्र चन्द्रप्रभुमान।।2।।
पुष्पदंत का मगर है, शीतल कल्पवृक्षांक।
गौंड जिन श्रेयांश का वासुपुज्य भैसांक।।3।।
शूकरा विमल जिनेश का सेही अनंत जिनेश।
धर्मनाथ का बज्र है, हिरन शांति देवेश।।4।ं।
बकरा कुन्थु जिनेश का अरहनाथ की मच्छ।
मलल्लिनाथ का कलश है, मुनिसुव्रत का कच्छ।।5।।
नीलकमल नमिनाथ का, शंख नेमि का मान।
पाश्र्वनाथ का सर्प है, सिंह वीर का मान।।6।।

प्रश्न 231 - श्री ऋषभदेव की पुत्री ब्राह्मी सुन्दरी ने आर्यिका दीक्षा क्यों ली थी?

उत्तर - अगले भव में स्त्री पर्याय को समाप्त करने हेतु तथा परम्परा से मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा से तीव्र वैराग्य भाव धारण कर उन कन्याओं ने आर्यिका दीक्षा ग्रहण की थी।

प्रश्न 232 - भगवान ऋषभदेव को प्रथम आहार कितने दिन के उपवास के बाद प्राप्त हुआ था?

उत्तर - एक वर्ष 39 दिनों के उपवास के पश्चात्।

प्रश्न 233 - महावीर स्वामी ने कितने वर्ष की आयु में दीक्षा ली थी?

उत्तर - 30 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 234 - भगवान महावीर को केवलज्ञान होने के बाद उनकी दिव्यध्वनि कितने दिनों बाद खिरी थी?

उत्तर - 66 दिन बाद श्रावण्या बदी एकम को उनकी दिव्यध्वनि खिरी थी।

प्रश्न 235 - चैबीस तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि के क्या नाम हैं?

उत्तर - कैलाशपर्वत, चंपापुरी, पावापुरी, गिरनार और सम्मेद शिखर पर्वत से निर्वाण प्राप्त किया है।

प्रश्न 236 - वह तिथि बताइये जिनमें विभिन्न तीर्थंकरों के दो कल्याणक हुए हैं।

उत्तर - फाल्गुन कृष्णा 7 को श्री सुपाश्र्वनाथ तथा चन्दाप्रभु भगवान को केवलज्ञान हुआ था।

प्रश्न 237 - कौन से तीर्थंकर ने पूर्व भव में कौवे के मांस का त्याग किया था?

उत्तर - भगवान श्री महावीर स्वामी के जीव ने।

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