।। चैबीस तीर्थंकर एवं विद्यमान बीस तीर्थंकर ।।

प्रश्न 154 - बालब्रह्मचारी तीर्थंकरों के नाम बताइये।

उत्तर - 1 - श्री वासुपूज्य जी , 2- श्री मल्लिनाथ जी , 3 - श्री नेमीनाथ जी , 4 - श्री पाश्र्वनाथ जी , 5 - श्री महावीर स्वामी। ये पांच बालब्रह्मचारी तीर्थंकर हुए हैं।

प्रश्न 155 - चैबीस तीर्थंकरों के लिए कौन-से बीजाक्षर का प्रयोग किया गया है?

उत्तर - चैबीस तीर्थंकरों के लिए ह्मीं बीजाक्षर का प्रयोग किा गया है।

प्रश्न 156 - ह्मीं बीजाक्षर कितने वर्ण का माना गया है।

उत्तर - ह्मीं बीजाक्षर में पांच वर्ण होते हैं, सफेद, नीला, लाल, हरित श्याम एवं सोने समान तपाया हुआ लालवर्ण।

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प्रश्न 157 - चैबीस तीर्थंकरों के कितने वर्ण हैं।

उत्तर - चैबीस तीर्थंकर भी उपरोक्त पंच वर्णीय हुए हैंै।

प्रश्न 158 - श्वेत वर्ण वाले कौन-से तीर्थंकर हैं?

उत्तर - श्वेत वर्ण वाले दो तीर्थंकर हैं- चन्द्रप्रभु एवं पुष्पदंत जी।

प्रश्न 159 - श्री चंदाप्रभु पुष्पदंत जी ह्मीं में कहां स्थित है?

उत्तर - श्री चंदा प्रभु पुष्पदंत जी ह्मीं बीजाक्षर में श्वेत चन्द्रकार स्थान पर स्थित हैं।

प्रश्न 160 - लाल वर्ण के कौन से तीर्थंकर हैं?

उत्तर - श्री वासुपूज्य एवं पद्मप्रभु लाल वर्ण के तीर्थंकर हैं।

प्रश्न 161 - उपरोक्त तीर्थंकर ह्मीं बीजाक्षर में कहां विराजमान हैं?

उत्तर - श्री वासुपूज्य एवं पद्मप्रभु भगवान ह्मीं बीजाक्षर में ह्मीं मस्तक जोकि लाल वर्ण है उस स्थान पर विराजमान हैं।

प्रश्न 162 - नील वर्ण वाले तीर्थंकरों के नाम बताओ।

उत्तर - नेमनाथ जी एवं श्री मुनिसुव्रत जी नील वर्ण के तीर्थंकर हैं।

प्रश्न 163 - नील वर्ण वाले तीर्थंकर ह्मीं बीजाक्षर में कहां पर विराजमान हैं?

उत्तर - नील वर्ण वाले तीर्थंकर ह्मीं बीजाक्षर के नीले बिन्दु में शोभायमान हैं।

प्रश्न 164 - हरित श्यामवर्ण वाले तीर्थंकर कौन-कौन से हैं?

उत्तर - हरित श्यामवर्ण वाले दो तीर्थंकरा श्री सुपाश्र्वनाथ जी एवं श्री पाश्र्वनाथ जी हैं।

प्रश्न 165 - उपरोक्त दोनों तीर्थंकर ह्मीं में कहां विराजमान हैं?

उत्तर - उपरोक्त दोनों तीर्थंकर ह्मीं के हरित श्याम ईकारी में विराजमान हैं।

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प्रश्न 166 - पंचवर्णीय ह्मी में पंचवर्णीय चैबीस तीर्थंकर विराजमान हैं। ऐसा वर्णन कहां मिलता हैं?

उत्तर - ये वर्णन श्री ऋषिमण्डल स्तोत्र तथा में आता है।

प्रश्न 167 - शेष तीर्थंकर ह्मीं में कहां विराजमान हैं?

उत्तर - शेष सोलह तीर्थंकर ह्मीं के ह्नकार में विराजनाम हैं?

प्रश्न 168 - ये सोलह शेष तीर्थंकर किस वर्ण वाले हैं।

उत्तर - ये शेष सोलह तीर्थंकर तपाये हुए स्वर्ण के समान आभा वाले हैं।

प्रश्न 169 - उपरोक्त सोलह तीर्थंकरों के नाम बताइये।

उत्तर - 1- श्री आदिनाथ जी , 2- श्री अजितनाथ जी , 3 - श्री सम्भवनाथजी , 4- श्री अभिनंदननाथ जी , 5- श्री समुतिलनाथ जी , 6 - श्री शतलनाथजी , 7- श्रे श्रेयांसनाथ जी , 8- श्री विमलनाथ जी , 9 - श्री अनंतनाथ जी , 10- श्री धर्मनाथ जी , 11- श्री शांतिनाथ जी , 12- श्री कुंथुनाथजी , 13- श्री अरहनाथ जी , 14- श्री मल्लिनाथ जी , 15- श्री नमिनाथ जी , 16- श्री महावीर स्वामी।

प्रसिद्ध पंच वर्णीय चैबीसी तीर्थ क्षेत्र चंदेरी में विराजमान है, वैसे श्री शांतिवीर नगर महावीरजी, नसियां जी भिण्ड (म0 प्र0) में, सम्मेदशिखर जी में विराजमान हैं।

प्रश्न 170 - वर्तमान काल के पच्चीसवें तीर्थंकर का नाम बताइये।

उत्तर - भरत ऐरावत क्षेत्रों में कर्मकाल में केवल चैबीस ही तीर्थंकर होते हैं। न तेइस न पच्चीस।

प्रश्न 171 - तीर्थंकर के शरीर की सर्वाधिक ऊंचाई कितनी होती है? वर्तमान में किसकी है?

उत्तर - तीर्थंकरों के शरीर की सबसे अधिक ऊंचाई पांच सौ धनुष (2000) होती है, जो श्री आदिनाथ की थी।

प्रश्न 172 - तीर्थंकरों के शरीर की ऊंचाई सबसे कम कितनी होती है?

उत्तर - तीर्थंकरों के शरीर की ऊंचाई सबसे कम सात हाथ होती है।

प्रश्न 173 - सबसे कम ऊंचाई वाले तीर्थंकरा का नाम बताइये।

उत्तर - भगवान महावीर स्वामी।

प्रश्न 174 - बाहुबली को भगवान क्यों कहते हैं? जबकि वे तीर्थंकर नहीं थे?

उत्तर - भगवान बनने के लिए तीर्थंकर बनना आवश्यक नहीं हैं, मोक्षगामी प्रत्येक भव्य आत्म जीव भगवान हैं।

प्रश्न 175 - जब भगवान बाहुबली तीर्थंकर नहीं थे तो उनकी प्रतिमा की पूजा क्यों की जाती है?

उत्तर - पंचपरमेष्ठी तीनों लोकों में पूज्य कहे गये हैं इसीलिए पंच परमेष्ठियों की प्रतिमायें अनादिकाल से पूजनीय, वंदनीय हैं। भगवान बाहुबली की गणना अरिहंत, सिद्ध की जाती है; अतः उनकी प्रतिमा भी पूज्य है। इसी प्रकार सभी मोक्षगामी जीवों की प्रतिमओं को समझना चाहिए। जैसे -राम, हनुमान आदि।

प्रश्न 176 - भगवान आदिनाथ तथा महावीर भगवान का पूर्व सम्बंध बताइये।

उत्तर - भगवान आदिनाथ पूर्व भव में भगवान महावीर के बाबा थे?

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