।। श्री 1008 जिनेन्द्र भगवान के 1008 श्री जिन सहस्त्र नाम ।।

अरहंत तीर्थंकरों के शरीर में 1008 सुलक्षण होते हैं अतः तीर्थंकरों को 1008 नामों से पुकारते हैं। इस एक-एक नाम के लिये एक-एक वास्तु कला में 1008 बिम्ब एक स्थान पर विराजमान किये जाते हैं। जिसे सहस्त्रकूट जिनालय कहा जाता है।

सहस्त्रकूट जिनालय
श्री दिगम्बर जैन मंदिर बगरूवालान

जयपुर सदा थाना के पास, रेलवे स्टेशन,
जयपुर.302006

देवोत्तर संस्थान की रक्षा एवं सर्वांगीण अभ्युदय में
स्व. श्री चिरंजी लालजी लुहाडिया ;नरायना वालेद्ध
का सर्वस्य योगदान
;मन्दिर जी स्थापित शिलालेखद्ध
फोटो
हस्ताक्षर

श्री जिन सहस्त्रनाम

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