प्रश्न 154 - आचार किसे कहते हैं?
उत्तर - धार्मिक नियमों को आगम के अनुसार स्वयं पालन करना तथा अन्य (शिष्यों) से पालन करवाना आचार कहलाता है।
प्रश्न 155 - आचार कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर - आचार पांच प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 156 - पांच आचारों के नाम बताइये।
उत्तर - 1 - दर्शनाचार 2 - ज्ञानाचार्य 3 - चारित्राचार 4 - तपाचार एवं 5 - वीर्याचार।
प्रश्न 157 - इन पांचों को एक ही शब्द में क्या कहते हैं?
उत्तर - इन पांचों को एक ही शब्द में पंचाचार कहते हैं।
प्रश्न 158 - दर्शनाचार किसे कहते हैं?
उत्तर - पच्चीस दोष रहित सम्यकदर्शन का पालन करना दर्शनाचार है।
प्रश्न 159 - ज्ञानाचार क्या है?
उत्तर - दोष रहित सम्यग्ज्ञान का पालन करना ज्ञानाचार है।
प्रश्न 160 - चारित्राचार क्या है?
उत्तर - निर्दोष सम्यग्चारित्र का पालन करना चारित्राचार है।
प्रश्न 161 - तपाचार किसे कहते हैं?
उत्तर - दोष रहित तपश्चरण करना तपाचार कहलाता है।
प्रश्न 162 - वीर्याचार किसे कहते हैं?
उत्तर - अपने आत्मबल को प्रकट करना ही वीर्याचार कहलाता है।
प्रश्न 163 - गुप्ति किसे कहते हैं?
उत्तर - वश में रखने को गुप्ति कहते हैं?
प्रश्न 164 - गुप्तियां कितनी होती है?
उत्तर - गुप्तियों के नाम बताइये।
1 मनोगुप्ति, 2 वचन गुप्ति 3 काय गुप्ति।
प्रश्न 165 - मनोगुप्ति किसे कहते हैं?
उत्तर - मन को वश में रखन मनोगुप्ति है।
प्रश्न 166 - वचन गुप्ति किसे कहते हैं?
उत्तर - हितामित प्रिय ओर आगम के अनुकूल वचन बोलना वचन गुप्ति है।
प्रश्न 167 - काय गुप्ति किसे कहते हैं?
उत्तर - अपने शरीर तथा इन्द्रियों को वश में रखना काय गुप्ति है।
प्रश्न 168 - आवश्यक किसे कहते हैं?
उत्तर - जिन नियमों, क्रियाओं का पालन प्रतिदिन किया जाता है, वे आवश्यक कहलाते हैं।
प्रश्न 169 - आवश्यक कितने होते हैं?
उत्तर - आवश्यक छः होेते हैं।
प्रश्न 170 - छः आवश्यकों के नाम बताइये।
उत्तर - 1 - समता 2 - वंदना 3 - स्तुति 4 - प्रतिक्रमण 5 - कायोत्सर्ग एवं 6 - स्वाध्याय (प्रत्याख्यान)।
प्रश्न 171 - समता नामक आवश्यक क्रिया क्या है?
उत्तर - समस्त विरोधी और अविरोधी जीवों पर समभाव रखना समता है किसी के रोग द्वेष पक्षपात आदि नहीं करना।
प्रश्न 172 - वंदना किसे कहते हैं?
उत्तर - तीर्थंकर को नमस्कार करना वंदना कहलाता है।
प्रश्न 173 - स्तुति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर - चैबीस तीर्थंकरों की स्तुति करना, स्तोत्र पढ़ना आदि स्तुति क्रिया है।
प्रश्न 174 - प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?
उत्तर - लगे हुए दोषों के निवारण के लिए जो क्रिया की जाती है उसे प्रतिक्रमण कहा गया है।
प्रश्न 175 - कायोत्सर्ग किसे कहते हैं?
उत्तर - ध्यान करते समय काय-शरीर के प्रति ममत्व को छोड़ना विकल्प नहीं करना कायोत्सर्ग है।