प्रश्न 47 - अग्नि कुमार देवों के यहां कितने जिनालय हैं?
उत्तर - अग्नि कुमार देवों के यहां 76 लाख जिनालय है।
प्रश्न 48 - वायु कुमार देवों के यहां के जिनालयों की संख्या बताइये।
उत्तर - वायु कुमार देवों के यहां 93 लाख जिनालय हैं।
प्रश्न 49 - ज्योतिषी देव कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर - ज्योतिषी देव पांच प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 50 - ज्योतिषी देवों के पांच प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर - सूर्य, चन्द्र, ग्रह, नक्षत्र एवं तारे ये पांच प्रकार हैं।
प्रश्न 51 - ज्योतिषी देवों के कितने विमान हैं?
उत्तर - प्रतयेक ज्योतिषी देवों के असंख्यात विमान हैं।
प्रश्न 52 - ज्योतिषी देवों के विमान कहां-कहां स्थित हैं?
उत्तर - मध्यलोक में असंख्यात द्वीप समुद्र हैं उन असंख्यात द्वीप समुद्रों के ऊपर 790 योजन की ऊंचाई से लेकर 900 योजन की ऊंचाई तक ज्योतिषी देवों के विमान हैं।
प्रश्न 53 - ज्योतिषी देवों के विमानों की विशेषता बताइये।
उत्तर - ढाई द्वीपों तक ज्योतिषी विमान पांच मेरूओं की परिक्रमा करते हैं, जिससे दिन-रात होते हैं, ढाई द्वीप के बाहर ये विमान चलते नहीं हैं स्थिर हैं।
प्रश्न 54 - इन विमानों को ज्योतिषी क्यों कहते हैं?
उत्तर - ये विमान सूर्य और चन्द्रमा आदि चमकते हैं जिनसे प्रकाश निकलता है इसीलिए इन्हें ज्योतिषी संज्ञा है।
प्रश्न 55 - ज्येातिषी देवों के यहां कितने अकृत्रिम जिनायल हैं?
उत्तर - प्रत्येक ज्योतिषी देवों के असंख्यात द्वीपों में ऊपर स्थित असंख्यातों विमानों में असंख्यात जिनालय हैं।
प्रश्न 56 - ढाई द्वीप में कितने चन्द्र विमान में कितने जिनालय हैं?
उत्तर - ढाई द्वीप में 132 चन्द्र विमान में 132 जिनालय हैं।
प्रश्न 57 - ढाई द्वीप में सूर्य विमान में कितने जिनालय हैं?
उत्तर - ढाई द्वीप 132 सूर्य विमान में स्थित 132 जिनालय हैं।
प्रश्न 58 - ढाई द्वीप में ग्रह विमानों में स्थित जिनालयों की संख्या बताइये।
उत्तर - ढाई द्वीपों में एक-एक चन्द्र विमान के 88 ग्रह विमान होते हैं। इस प्र्रकार 132 गुण 88 = 11616 ग्रह विमानों में इतने ही जिनालय हैं।
प्रश्न 59 - ढाई द्वीपों में नक्षत्र विमानों में स्थित जिनालयों की संख्या बताइये।
उत्तर - ढाई द्वीपों में एक चन्द्र विमान के 28 नक्षत्र माने जाते हैं। इस प्रकार कुल 3696 नक्षत्र विमानों में इतने ही जिनालय हैं।
प्रश्न 60 - ढाई द्वीपों में प्रकीर्णक विमानों में स्थित जिनालयों की संख्या बताइये।
उत्तर - ढाई द्वीपों में एक-एक चन्द्र विमान के 66975 प्रर्कीणक विमान हैं। अतः 132 का गुणा करने पर 8840700 प्रकीर्णक विमान में इतने ही जिनालय हैं।
प्रश्न 61 - व्यंतर देव कितने प्रकार के हैं?
उत्तर - व्यंतर देव आठ प्रकार के हैं।
प्रश्न 62 - व्यंतर देव की आठ जातियों के नाम बताइये।
उत्तर - किन्नर, किंपुरूष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, भूत एवं पिशास।
प्रश्न 63 - व्यंतर देवों के यहां कितने जिनालय हैं?
उत्तर - प्रत्येक प्रकार के व्यंतर देवों के यहां असंख्यात जिनालय हैं।
प्रश्न 64 - उध्र्व लोक में जिनालयों की संख्या बताइये।
उत्तर - उध्र्वलोक में वैमानिक देवों के यहां चैरासी लाख सत्तानवे हजार तेइस जिनालय हैं।
प्रश्न 65 - सौधर्म ऐशान कल्प विमान में कितने जिनालय हैं?
उत्तर - सौधर्म ऐशान कल्प में साठ लाख जिनालय हैं।
प्रश्न 66 - सानत्कुमर माहेन्द्र कल्प में कितने जिनालय हैं?
उत्तर - सानत्कुमार में बारह लाख माहेन्द्र में आठ लाख कुल बीस लाख जिनालय हैं।
प्रश्न 67 - ब्रह्म ब्रह्मोत्तर स्वर्ग में कितने शाश्वत जिनालय हैं।
उत्तर - ब्रह्मत्तर स्वर्ग में चार लाख जिनालय हैं।
प्रश्न 68 - लांतव कापिष्ठ स्वर्ग में कितने जिनगृह हैं?
उत्तर - लांतव कापिष्ठ स्वर्ग में पचास हजार जिनगृह हैं।
प्रश्न 69 - शुक्र महाशुक्र स्वर्ग में कितने जिनमंदिर हैं?
उत्तर - शुक्र महाशुक्र स्वर्ग में चालीस हजार जिनमन्दिर हैं।
प्रश्न 70 - शतार सहस्त्रार स्वर्ग में जिनालयों की संख्या बताइये।
उत्तर - इन दो स्वर्गों में छः हजार जिनालय हैं।