।। ढाई द्वीप के विद्यमान बीस तीर्थंकर ।।

प्रश्न 134 - चैथे मंदर मेरू से सम्बंधित विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।

उत्तर - (1) श्री चन्द्रबाहु जी (2) श्री भुजंगमजी (3) श्री ईश्वर जी (4) श्री नेमिप्रभ जी।

प्रश्न 135 - पांचवे विद्युन्माली मेरू से सम्बंधित विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।

उत्तर - (1) श्री वीरसेन जी (2) श्री महाभद्र जी (3) श्री देवयश जी (4) श्री अजितवीर्य जी।

प्रश्न 136 - विदेह क्षेत्रों में होने वाले तीर्थंकरों की आयु कितनी होती है?

उत्तर - विदेह क्षेत्रों में तीर्थंकरों की आयु 1 कोटिवर्ष पूर्व की होती है।

प्रश्न 137 - बीस विद्यमान तीर्थंकरों में से कितने तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह बैल है?

उत्तर - तीन तीर्थंकरों का।

प्रश्न 138 - विद्यमान बीस तीर्थंकरों में से कितने तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह बैल है?

उत्तर - श्री सीमंधर जी श्री चन्द्रनन जी, एवं श्री नेमिप्रभ जी की प्रतिमा का चिन्ह बैल है।

प्रश्न 139 - बैल चिन्ह हमारे भर क्षेत्र में कौन-से तीर्थंकर से मिलता है?

उत्तर - श्री आदिनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।

प्रश्न 140 - कौन से विद्यमान तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह हाथी है?

उत्तर - (1) री युगमंधर जी (2) श्री अनंतवीर्य जी (3) श्री वीरसेन जी की प्रतिमा का चिन्ह हाथी है।

प्रश्न 141 - हाथी चिन्ह हमारे भरत क्षेत्र के कौन-से तीर्थंकर की प्रतिमा के चिन्ह से मिलता है?

उत्तर - श्री अजितनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।

प्रश्न 142 - कौन से विद्यमान तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह हिरण है?

उत्तर - श्री बाहु जी की प्रतिमा का चिन्ह हिरण है।

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प्रश्न 143 - हिरण चिन्ह हमारे कौन से तीर्थंकर की प्रतिमा के चिन्ह से मिलता है।

उत्तर - श्री शांतिनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।

प्रश्न 144 - कौन-से विद्यमान तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बंदर है?

उत्तर - श्री सुबाहु जी की प्रतिमा का चिन्ह बंदर है।

प्रश्न 145 - बन्दर चिन्ह हमारे कौन-से तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह है?

उत्तर - श्री अभिनन्दन नाथ जी की प्रतिमा का।

प्रश्न 146 - कौन-से विद्यमान तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह सूर्य है?

उत्तर - (1) श्री संजातक जी (2) श्री सूरिप्रभ जी एवं (3) श्री ईश्वर जी की प्रतिमा का चिन्ह सूर्य है।

प्रश्न 147 - सूर्य चिन्ह हमारे कौन-से तीर्थंकरों की प्रतिमा में मिलता है?

उत्तर - किसी से नहीं।

प्रश्न 148 - कौन-से विद्यमान तीर्थंकरों का चिन्ह चन्द्रमा है?

उत्तर - (1) श्री स्वयंप्रभ जी (2) श्री विशाल कीर्ति जी (3) री महाभद्र जी की प्रतिमाओं का चिन्ह चन्द्रमा है।

प्रश्न 149 - उपरोक्त तीर्थंकरों की प्रतिमा चिन्ह हमारे किस तीर्थंकर से मिलता है?

उत्तर - श्री चन्द्रप्रभु से।

प्रश्न 150 - कौन से विद्यमान तीर्थंकर का चिनह सिंह है?

उत्तर - श्री ऋषभानन जी की प्रतिमा का।

प्रश्न 151 - सिंह चिन्ह हमारे किस तीर्थंकर से मिलता है?

उत्तर - श्री महावीर भगवान से।

प्रश्न 152 - कौन से विद्यमाल तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह शंख है?

उत्तर - श्री वज्रधर जी की प्रतिमा का चिनह शंख है।

प्रश्न 153 - शंख चिन्ह हमारे कौन से तीर्थंकर की प्रतिमा से मिलता है?

उत्तर - श्री नेमिनाथ जी से।

प्रश्न 154 - कौन से विद्यमान तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह कमल है?

उत्तर - (1) श्री चन्द्रबाहु जी (2) श्री अजितवीर्य जी।

प्रश्न 155 - कमल चिन्ह हमारे कौन से तीर्थकरों से मिलता है?

उत्तर - श्री पद्मप्रभु तथा नमिनाथ जी से।

प्रश्न 156 - कौन से विद्यमान तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह स्वास्तिक है?

उत्तर - श्री देवयश जी की प्रतिमा का चिन्ह स्वस्तिक है।

प्रश्न 157 - स्वस्तिक चिन्ह हमारे कौन-से तीर्थंकर से मिलता है?

उत्तर - श्री सुपाश्र्वनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।

प्रश्न 158 - पांच मेरूओं से सम्बंधित जी बत्तीस-बत्तीस आर्य खंड है उनकी बत्तीस नगरियों के नाम बताइये।

उत्तर - (1) क्षेमा नगरी (2) क्षेमपुरी (3) अरिष्टापुरी (4) अरिष्टपुरी (5) खडगानगरी (6) मंजूषा नगरी (7) औषधिनगरी (8) पुंडरीकिणी नगरी (9) सुसीमा नगरी (10) कुडला नगरी (11) अपराजित पुरी (12) प्रभंकरापुरी (13) अंकावती (14) पद्मावती पुरी (15) सुभापुरी (16) रत्नसंचयापुरी (17) अश्वपुरी (18) सिंहपुरी (19) महापुरी (20) विजयापुरी (21) अरजा नगरी (22) विरजानगरी (23) अशोकपुरी (24) वीतशोकनगरी (25) विजयापुरी (26) वैजयंतीपुरी (27) जयंती नगरी (28) अपराजितापुरी (29) चक्रापुरी (30) खड्गापुरी (31) अयोध्यापुरी एव (32) अवध्यापुरी।

प्रश्न 159 - विदेह क्षेत्रों के कौन-से देशों में कौन सी नगरियां हैं?

उत्तर - (1) कच्छा देश में-क्षेमा नगरी (2) सुकच्छा में- क्षेमपुरी (3) महाकच्छा में- अरिष्टापुरी (4) कच्छाकावती में- अरिष्टपुरी (5) आर्वता में- खडगानगरी (6) लांगलावर्ता में- मंजूषा नगरी (7) पुष्कला में- औषधिनगरी (8) पुष्कलावती- पुंडरीकिणी नगरी (9) वत्सा में- सुसीमा नगरी (10) सुवत्सा में- कुडला नगरी (11) महावत्सा- अपराजित पुरी (12) वत्साकावती- प्रभंकरापुरी (13) रम्या में- अंकावती (14) सुरम्या- पद्मावती पुरी (15) रमणीया- सुभापुरी (16) मंगलावती- रत्नसंचयापुरी (17) पद्मावती- अश्वपुरी (18) सुपद्मा- सिंहपुरी (19) महापद्मा- महापुरी (20) पद्माकावती विजयापुरी (21) शंखादेश- अरजा नगरी (22) नलिना- विरजानगरी (23) कुमदा- अशोकपुरी (24) सरिता- वीतशोकनगरी (25) वप्रा- विजयापुरी (26) सुवप्रा- वैजयंतीपुरी (27) महावप्रा- जयंती नगरी (28) वप्रीकावती- अपराजितापुरी (29) गंधा- चक्रापुरी (30) सुगंधा में- खड्गापुरी (31) गंधीला-अयोध्यापुरी (32) गंधमालिनी अवध्यापुरी।

प्रश्न 160 - पांच मेरूओं से सम्बंधित बत्तीस-बत्तीस विदेहों में, देशों तथा नगरियों की क्या व्यवस्था है?

उत्तर - पांच मेरूओं के 32-32 दिेह क्षेत्रों में दशों तथा नगरियों के नाम भी उपरोक्त देशों तथा नगरियों के समान ही नाम हैं। अतः एक सी व्यवस्था है।

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