।। साधु परमेष्ठी ।।

प्रश्न 42 - पाक्षिक प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?

उत्तर - जो प्रतिक्रमण पन्द्र दिन में किया जाता है उसे पाक्षिक प्रतिक्रमण कहते हैं।

प्रश्न 43 - चातुर्मासिक प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?

उत्तर - जो प्रतिक्रमण चार महीने में किया जाता है उसे चातुर्मासिक प्रतिक्रमण कहते हैं।

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प्रश्न 44 - वार्षिक प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?

उत्तर - जो प्रतिक्रमण एक साल में किया जाता है उसे वार्षिक प्रतिक्रमण कहते हैं।

प्रश्न 45 - उत्तमार्थ प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?

उत्तर - जो प्रतिक्रमण समाधि के समय किया जाता है उसे उत्तमार्थ प्रतिक्रमण कहते हैं।

प्रश्न 46 - प्रत्याख्यान किसे कहते हैं?

उत्तर - योग्य या अयोग्य वस्तु का भी त्याग करना प्रत्याख्यान कहते हैं?

प्रश्न 47 - व्युत्सर्ग किसे कहते हैं?

उत्तर - देह से ममत्व रहित होकर निजगुण चिंतन युक्त होकर कायोत्सर्ग करना व्युत्सर्ग है।

प्रश्न 48 - केश लोच किसे कहते हैं?

उत्तर - अपने हाथों से सिर, दाढ़ी मूंछों के केशों को उखाड़कर फेंक देना केश लोच है।

प्रश्न 49 - केश लोच कितने प्रकार का होता है?

उत्तर - यह उत्तम, मध्यम और जघन्य के भेद से तीन प्रकर का होता है।

प्रश्न 50 - उत्तम मध्यम और जघन्य केश लोच में अंतर बताइये।

उत्तर - उत्तम केशलोच दो महीने में मध्यम तीन महीने में तथा जघन्य केश लोच चार महीने में होता है।

प्रश्न 51 - केश लोंच क्यों किया जाता है?

उत्तर - शरीर से निर्ममत्व रहने तथा बालों में होने वाली जूं आदि की जीव हिंसा से बचने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 52 - यदि केश लोंच न किया जाये तो क्या हानि है?

उत्तर - साधु के केश लोंच न करने पर बालों में जूं हो जाएंगी तथा साधु शरीर से निस्पृह नहीं रह सकेगा।

प्रश्न 53 - केश लोंच कौन - कौन करता है?

उत्तर - केश लोंच दिगम्बर मुनि, अर्यिकायें करते हैं। ऐलक तथा क्षुल्लक क्षुल्लिकाएं भी कर लेते हैं।

प्रश्न 54 - आचेलक्य क्या है?

उत्तर - चेन-वस्त्र, मुनिपने से अयोग्य सर्व वस्त्रों परिग्रहों का त्याग करना आचेलक्य है।

प्रश्न 55 - मुनि नग्न क्यों रहते हैं?

उत्तर - नग्न वेष मोक्ष कारण है या प्राकृतिक वेष है। वस्त्रों को धारण करने उनको धोने, साबुन की अवश्यकता याचना आदि एवं आरम्भ आदि के दोष उत्पन्न होते हैं इसीलिए मुनि नग्न रहते हैं।

प्रश्न 56 - अस्नान क्या है?

उत्तर - स्नान करने का त्याग।

प्रश्न 57 - क्षिति शयन किसे कहते हैं?

उत्तर - घास, लकड़ी का फलक, शिला इत्यादि पर सोना क्षिति शयन कहलाता है।

प्रश्न 58 - अदंत धावन किसे कहते हैं?

उत्तर - दांतुन के लिए दंत मंजन, काष्ठादि का उपयोग नहीं रना अदंत धावन है।

प्रश्न 59 - थिति भोजन किसे कहते हैं?

उत्तर - खड़े होकर पैरों को चार अंगुल अंतर से रखकर भोजन करना थिति भोजन कहते हैं।

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