प्रश्न 20 - बाहृ परिग्रह क्या है?
उत्तर - संसार की वस्तुयें धन धान्य सोना चांदी आदि इकट्ठा करना बाहृ परिग्रह है।
प्रश्न 21 - अंतरंग परिग्रह किसे कहते हैं?
उत्तर - क्रोध, मान, माया, लोभ राग द्वेष आदि अंतरंग परिग्रह है।
प्रश्न 22 - समिति किसे कहते हैं?
उत्तर - सम्यक प्रकार से प्रवृत्ति करना समिति कहलाता है।
प्रश्न 23 - समितियां कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर - समितियां पांच प्रकार की होती हैं।
प्रश्न 24 - पांचों समितियों के नाम बताइये।
उत्तर - 1 - भाषा समिति 2 - ईर्या समिति 3 - एषण समिति 4 - आदान निक्षेपण समिति 5 - प्रतिठापना समिति।
प्रश्न 25 - ईर्या समिति किसे कहते हैं?
उत्तर - अच्छी तरह देखभाल कर मन को स्थिर करके आवागमन करना ईर्या समिति है।
प्रश्न 26 - भाषा समिति किसे कहते हैं?
उत्तर - आगम के विरूद्ध पूर्वापर सम्बंध से रहित, निष्ठुरता, कर्कश, मर्मछेदक आदि दोषों से रहित भाषण करना भाषा समिति है।
प्रश्न 27 - एषणा समिति किसे कहते हैं?
उत्तर - लोक निंद्य आदि कुलों को छोड़कर और सूतक, पातक, जाति संकर आदि दोषों से रहित घरों में छियालिस दोष और बत्तीस अंतराय को टालकर आहर ग्रहण करना एषणा समिति है।
प्रश्न 28 - आदान निक्षेपण समिति क्या है?
उत्तर - आंखों से देखकर और पिच्छिका से शोधन कर यन्त पूर्वक वस्तुओं को रखना उठना आदान निक्षेपण समिति है।
प्रश्न 29 - प्रतिष्ठापन समिति किसे कहते हैं?
उत्तर - जन्तु रहित प्रदेश में ठीक से देखकर मल मूत्रादिक का त्याग करना प्रतिष्ठापना समिति है।
प्रश्न 30 - इन्द्रिय निरोध किसे कहते हैं?
उत्तर - इन्द्रियों को वश में रखना इकने विषयों में प्रवृत्ति नहीं करना इन्द्रिय निरोध है।
प्रश्न 31 - इन्द्रिय निरोध कितने प्रकार का होता है?
उत्तर - इन्द्रिय निरोध पांच का होता है। स्पर्शन, इन्द्रिय निरोध, रसना इन्द्रिय निरोध, घा्रण इन्द्रिय निरोध, चक्षु इन्द्रिय निरोध एवं कर्ण इन्द्रिय निरोध।
प्रश्न 32 - आवश्यक क्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर - अवश्य करने योग्य क्रियाओं को आवश्यक क्रिया कहते हैं?
प्रश्न 33 - आवश्यक क्रियायें कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर - आवश्यक क्रियायें छः प्रकार की होती है?
प्रश्न 34 - छः प्रकार की आवश्यक क्रियाओं के नाम बताइये?
उत्तर - 1 - समता , 2 - स्तव , 3 वंदना , 4 - प्रतिक्रमण , 5 - प्रत्याख्यान , 6 - व्युत्सर्ग।
प्रश्न 35 - समता आवश्यक क्रिया क्या है?
उत्तर - राग द्वेष मोह से रहित होना अथवा पंच परमेष्ठी को नमस्कार करना।
प्रश्न 36 - स्तव क्रिया क्या है?
उत्तर - चैबीस तीर्थंकरों की स्तुति करना स्तव क्रिया है।
प्रश्न 37 - वंदना क्रिया क्या है?
उत्तर - एक तीर्थंकर का दर्शन या वंदना करना अथवा पंच गुरूभक्ति पूर्वक दर्शन वंदना करना।
प्रश्न 38 - प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?
उत्तर - अशुभ मन वचन काय के द्वारा जो प्रवृत्ति हुई थी उससे परावृत होना अथवा किये हुए दोषों का संशोधन करना। इस प्रतिक्रमण के सात भेद हैं- 1 - देवेसिक 2 - रात्रिक 3 - ऐर्यापर्थिक 4 - पाक्षिक 5 - चातुर्मासिक 6 - वार्षिक एव 7 - उत्तमार्थ।
प्रश्न 39 - देवेसिक प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?
उत्तर - जो प्रतिक्रमण दिन में किया जाता है उसे देवेसिका प्रतिक्रमण कहते हैं।
प्रश्न 40 - रात्रिक प्रतिक्रमण क्या है?
उत्तर - जो प्रतिक्रण रात्रि में किया जाता है उसे रात्रिक प्रतिक्रमण कहते हैं।
प्रश्न 41 - ईयापथिक प्रतिक्रमण किसे कहते हैं?
उत्तर - जो प्रतिक्रमण ईयापथ शुद्धि में हुए दोषों के लिए किया जाता है वह ईयापथिक प्रतिक्रमण है।