।। णमोकार महामंत्र ।।

प्रश्न 86 - चन्द्रग्रह अरिष्ट निवारण के लिए कितनी जाज्यें करना चाहिए?

उत्तर- चन्द्र ग्रह निवारण के लिए 10,000 जाप्यें 100 माला करना चाहिए।

प्रश्न 87 - बुध ग्रह अरिष्ट निवारण एवं अन्य ग्रहों के अरिष्ट निवारण के लिए कितनी माला करना चाहिए?

उत्तर- प्रत्येक ग्रह अरिष्ट निवारण के लिए कम से कम दस हजार अधि से अधिक सवा लाख जाप्य मंत्र अर्थात 1250 मालाएं करना चाहिए। मालाएं पूर्ण होने दश मांश 1/10 पाज्य मंत्रों की हवनपूर्वक पूर्ण आहुति देना चाहिए।

प्रश्न 88 - णमोकार मंत्र में कितनी मात्रायें होती हैं?

उत्तर- णमोकार मंत्र में 58 मात्रायें होती हैं।

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प्रश्न 89 - णमोकार मंत्र में 58 मात्राएं किस प्रकार हैं?

उत्तर- णमोकार मंत्र के प्रथम पद में ग्यारह मात्रायें, द्वितीय पद में आठ, तृतीय पद में ग्यारह, चतुर्थ पद में बारह , एवं पंचम पद में सोलह कुल मिलाकर (11$8$11$12$16 = 58) मात्रायें हुई।

प्रश्न 90 - णमोकार मंत्र के प्रथम पद की मात्राओं को गिनाइये।

उत्तर-

णमो अरिहंताणं
।ऽ ।।ऽऽऽ कुल ग्यारह मात्रायें

प्रश्न 91 - णमोकार मंत्र के द्वितीय पद की मात्राओं को गिनइये।

उत्तर- ।ऽ ।।ऽ ऽ कुल आठ मात्रायें

प्रश्न 92 - णमोकार मंत्र के तृतीय पद की मात्राओं को गिनाइये।

उत्तर-

णमो आयरियाणं
।ऽ ऽ।।ऽऽ कुल ग्यारह मात्रायें

प्रश्न 93 - णमोकार मंत्र के चैथे पद की मात्राओं को गिनाइये।

उत्तर-

णमो उवज्झायाणं
।ऽ ।।ऽ ऽ ऽ कुल बारह मात्रायें

प्रश्न 94 - णमोकार मंत्र के पांचवें पद की मात्राओं को गिनाइये।

उत्तर-

णमो लोए सव्व साहूणं
।ऽ ऽ ऽ ऽ।।ऽ ऽ ऽ कुल सोलह मात्रायें

प्रश्न 95 - णमोकार मंत्र में कितने स्वर तथा कितने व्यंजन हैं?

उत्तर- णमोकार मंत्र में 34 स्वर तथा 30 व्यंजन हैं। कुछ चैसठ वर्ण हैं।

प्रश्न 96 - णमोकार मंत्र की ज्ञान के रूप में क्या विशेषता है?

उत्तर- णमोकार मंत्र में सम्पूर्ण द्वादशांग श्रुत समाहित माना गया है।

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प्रश्न 97 - णमोकार मंत्र में द्वादशांग किस प्रकार समाहित हैं?

उत्तर- णमोकार मंत्र के चैसठ वर्णों को अलग-अलग लिखकर प्रत्येक के ऊपर दो का अंक रखकर गुणा करने से प्राप्त हुई संख्या में एक घटाने से द्वादशांग के श्रुत अक्षर प्राप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 98 - द्वादशांग के अक्षरों की संख्या बताइये।

उत्तर- संख्या इस प्रकार हैं-

18446744073709551615।

प्रश्न 99 - वर्तमान में णमोकार मंत्र के प्रभाव से व्यंतर बाधाओं को कौन-से मुनिराज दूर कर रहे हैं?

उत्तर- परम पूज्य वालाचार्य श्री योगीन्द्र सागरजी महाराज।

प्रश्न 100 - उन्हें ये सिद्धी कहां से प्राप्त हुई?

उत्तर- अतिशय क्षेत्र चांदखेडी में भगवान श्री आदिनाथ की अतिशययुक्त प्रतिमा दर्शन करने से।

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