प्रश्न 46 - मांस किसे कहते हैं और इसके सेवन से क्या हानि हैं?
उत्तर - दो इन्द्रिय से पंचेन्द्रिय प्राणियों तक के शरीर के कलेवर को मांस कहते हैं। कच्चे, पक्के, किसी भी तरह के मांस के सेवन से असंख्यात त्रस जीवों का घात होता है क्योंकि किसी भी तरह के मांस में प्रत्येक समय उसी जाति के सम्मूच्र्छन जीव पैदा होते रहते हैं।
प्रश्न 47 - मांस की प्राप्ति कैसे होती है?
उत्तर - मांस की प्राप्ति बिना जीव हिंसा के नहीं हो सकती है।
प्रश्न 48 - क्या आंखे मांस सेवन में नहीं आते हैं?
उत्तर - अंडा मुर्गी के बच्चे पंचेन्द्रिय जीव का शरीर कलेवर है अंडे के खाने से पंचेन्द्रिय का घात होता है इसलिए अंडा खाने से मांस सेवन का ही दोष लगता है।
प्रश्न 49 - क्या अंडा शाकाहार है?
उत्तर - नहीं अंडा शाकाहार नहीं पूर्णतया मांसाहार ही है।
प्रश्न 50 - शहद क्या है? इसके खाने में क्या दोष है?
उत्तर - शहद मधुमक्खियों का वमन है, इसमें उनके अंडे बच्चे भी मिले रहते हैं। शहद खाने से उनका घात होता है तथा 1 बूंद शहद खाने से सात गांव जलाने का पाप लगता है।
प्रश्न 51 - दूसरे प्रकार से अष्ट मूल गुण कौन-कौन से हैं?
उत्तर - 1.मद्य त्याग 2. मांस त्याग 3. मधु त्याग 4. मंच उदम्बर फलोक का त्याग 5 पानी छान कर पीना 6. रात्रि में भोजन का त्याग 7. जीव दया का पालन करना तथा नित्यदेव दर्शन करना।
प्रश्न 52 - पानी कैसे छाना जाता है?
उत्तर - पानी कुयें से लेकर मोटे गाड़े छलने से छाना जाता है विलछन की जिवानी की जाती है।
प्रश्न 53 - जिवानी किसे कहते हैं?
उत्तर - पानी छानने के बाद कपड़े के ऊपर विलछन बचती है उसे सुरक्षित पानी के स्थान तक पहुंचाने की क्रिया को जिवानी कहते हैं।
प्रश्न 54 - पानी छानने की क्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर - जलगालन क्रिया कहते हैं।
प्रश्न 55 - जल क्यों छाना जाता है?
उत्तर - पानी में जो सूक्ष्म जीव होते हैं बिना छने पानी को पीने से उनका छात होता है। पानी छानने से ये जीव ऊपर रह जाते हैं।
प्रश्न 56 - जैनाचार्यों के अनुसार पानी की एक बूंद में कितने जीव होते हैं?
उत्तर - पानी की एक बूंद में असंख्यात जीव होते हैं।
प्रश्न 57 - वैज्ञानिकों के अनुसार पानी की एक बूंद में कितने जीव होते हैं?
उत्तर - वैज्ञानिकों के अनुसार पानी की एक बूंद में 36450 जीव होते हैं।
प्रश्न 58 - पानी प्रासुक कैसे किया जाता है?
उत्तर - पानी प्रासुक दो प्रकार से किया जाता है।
प्रश्न 59 - छने हुए पानी की मर्यादा कितनी होती है?
उत्तर - अड़तालीस मिनट- 1 मुहूर्त की।
प्रश्न 60 - प्रासुक पानी की मर्यादा कितनी है?
उत्तर - प्रासुक पानी की मर्यादा छह घंटे की होती है।
प्रश्न 61 - पानी की मर्यादा समाप्त होने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर - छने हुए पानी की मर्यादा समाप्त होने पर पानी को पुनः छानना चाहिए। प्रासुक पानी तथा उबले हुए पानी के लिए यह नियम नहीं है।
प्रश्न 62 - उबले हुए पानी की मर्यादा कितनी होती है?
उत्तर - उबले हुए पानी की मर्यादा 24 घंटे होती है।
प्रश्न 63 - उबले हुए पानी की मर्यादा समाप्त होने पर शेष पानी को क्या दोबारा काम में लेना चाहिए या उसे दोबारा छानकर प्रासुक कर सकते हैं?
उत्तर - उबले हुए पानी की मर्यादा समाप्त होने पर उसे न दुबारा प्रासुक कर सकते हैं न काम में ले सकते हैं। 24 घंटे बाद वह अभक्ष्य हो जाता है।
प्रश्न 64 - रात्रि भोजन त्याग क्यों करना चाहिए?
उत्तर - दिन में सूर्य के प्रकाश में सम्मूच्र्छन जीवों की उत्पत्ति नहीं होती है। वही अनंतानंत सम्मूच्र्छन जीवों की उत्पत्ति रात्रि में सूर्य के प्रकाश के बिना निरंतर होती रहती है।वे सम्मूच्र्छग्न जीव रात्रि में भोजन करने पर भोजन में मिलते रहते हैं तथा दिखाई नहीं देते उनका घात होता रहता है इसलिए रात्रि भोजन नहीं करना चाहिए, वैज्ञानिक भी यही कहते हैं।
प्रश्न 65 - यदि दिन में भोजन बना कर रात्रि में कर लें या रात्रि में बना दिन में कर लें तो क्या हानि है?
उत्तर - दिन में भोजन बनाकर रात्रि में करने से भी एक तो विशेष राग रहेगा दूसरे सम्मूच्र्छन जीव तो फिर भी भोजन करते समय भोजन में मिलकर पेट में जाने से उनका घात होगा।
यदि भोजन रात्रि में बनाकर दिन में करेंगे तो रात्रि में भोजन बनाते समय सम्मूच्र्छन जीव उसमें मिलकर स्वयं मर जायेंगे तब भी हिंसा अवश्य होगी इसलिए न रात्रि में भोजन करना चाहिए, न रात्रि में बना हुआ भोजन दिन में करना चाहिए और न दिन में बना हुआ भोजन रात्रि में करना चाहिए।
प्रश्न 66 - भोजन कितने प्रकार का होता है?
उत्तर - भोजन चार प्रकार का होता है। खाद्य, स्वाद्य, लेह्य और पेय।