।। परमेष्ठी ।।

परमेष्ठी

जिन शासन में सर्वोच्च पद प्राप्त करने वाले परमेष्ठी कितने होते हैं, कहाँ रहते हैं, उनकी प्रतिमाएँ कैसी बनती हैं, कितने परमेष्ठीयों का अभिषेक होता है आदि का वर्णन इस अध्याय में है।

1. परमेष्ठी किसे कहते हैं ?

  1. जिनशासन में जिनका पद महान् होता है, जो गुणों में सर्वश्रेष्ठ होते हैं तथा जिन्हें राजा, इन्द्र, चक्रवर्ती, देव और सिंह आदि भी नमस्कार करते हैं, उन्हें ‘परमेष्ठी' कहते हैं।
  2. "परमे पदे तिष्ठति इति परमेष्ठी उच्यते।" इस व्युत्पति के अनुसार जो परमपद में स्थित हो, उन्हें परमेष्ठी कहते हैं। यहाँ परम शब्द का अर्थ है 'पारलौकिक'।

2. परमेष्ठी कितने होते हैं, नाम बताइए ?

परमेष्ठी पाँच होते हैं। अरिहंत परमेष्ठी, सिद्ध परमेष्ठी, आचार्य परमेष्ठी, उपाध्याय परमेष्ठी एवं साधु परमेष्ठी।

3. सबसे बड़े परमेष्ठी कौन से हैं ?

सबसे बड़े परमेष्ठी सिद्ध परमेष्ठी हैं।

4. सबसे बड़े सिद्ध परमेष्ठी हैं, तो पहले अरिहंत परमेष्ठी को क्यों नमस्कार किया ?

अरिहंत परमेष्ठी ने चार घातिया कर्मों का क्षय किया है, वे जीवन मुक्त हैं। संसार मुक्त नहीं। किन्तु सिद्ध परमेष्ठी ने तो आठों ही कर्मों का नाश कर दिया है। अत: सिद्ध परमेष्ठी बड़े हैं, किन्तु अरिहंत परमेष्ठी के माध्यम से ही सिद्ध परमेष्ठी, आप्त (देव), आगम और पदार्थ का ज्ञान होता है। इसलिए उपकार की अपेक्षा से आदि में अरिहंत परमेष्ठी को नमस्कार किया है।

5. पाँच परमेष्ठी कहाँ-कहाँ रहते हैं एवं कहाँ-कहाँ विहार करते हैं ?

पाँच परमेष्ठी में सिद्ध परमेष्ठी को छोड़कर शेष चार परमेष्ठी मध्यलोक के अढ़ाईद्वीप (2.5) एवं दो समुद्र अर्थात्45 लाख योजन प्रमाण क्षेत्र में रहते हैं। जिनमें तीर्थंकर व केवली भगवान् सभी आर्यखण्डों में ही विहार करते हैं। किन्तु आचार्य, उपाध्याय, साधु परमेष्ठी भोगभूमि में भी उपदेश देने के निमित से चले जाते हैं। सिद्ध परमेष्ठी ऊध्र्वलोक के अन्तिम तनुवातवलय के अंत में निवास करते हैं। ईषत्। प्राग्भार नामक अष्टम भूमि में स्थित सिद्ध शिला से 7050 धनुष ऊपर से लोकान्त तक सिद्ध भगवान् रहते हैं। किन्तु आगे धर्मास्तिकाय का अभाव होने से अनन्तशतिधारी सिद्ध परमेष्ठी वहीं रुक जाते हैं।

6. कितने परमेष्ठी के साक्षात् दर्शन कर सकते हैं ?

सिद्ध परमेष्ठी को छोड़कर शेष चार परमेष्ठियों के, किन्तु वर्तमान इस पञ्चमकाल में भरत-ऐरावत क्षेत्र में तीन परमेष्ठी आचार्य, उपाध्याय और साधु के ही दर्शन हो पाते हैं।

7. तिरेसठ (63) शलाका पुरुषों में कौन से परमेष्ठी आते हैं ?

तिरेसठ (63) शलाका पुरुषों में मात्र अरिहंत परमेष्ठी आते हैं।

8. विदेशों में कोई साधु बन सकते हैं कि नहीं ?

हाँ, विदेशों में साधु बन सकते हैं किन्तु अभी तक बने नहीं हैं।

9. कितने परमेष्ठी दीक्षा देते हैं ?

तीन परमेष्ठी दीक्षा देते हैं। आचार्य, उपाध्याय और साधु। मुख्य रूप से आचार्य परमेष्ठी दीक्षा देते हैं।

10. पञ्च परमेठियों में देव और गुरु कौन-कौन हैं ?

अरिहंत एवं सिद्ध परमेष्ठी देव हैं। आचार्य, उपाध्याय और साधु परमेष्ठी गुरु हैं।

11. तीन कम नौ करोड़ मुनिराजों में कौन-कौन से परमेष्ठी आते हैं ?

चार परमेष्ठी। अरिहंत, आचार्य, उपाध्याय और साधु।

12. कौन से परमेष्ठी का किस रंग में और शरीर के किस अंग में ध्यान करना चाहिए?

परमेष्ठी

रंग

अंग में

अरिहंत

श्वेत 

नाभि में

सिद्ध

लाल

मस्तक में

आचार्य

पीला

कंठ में

उपाध्याय

हरा

हृदय में

साधु

काला

मुख में

1. मानसार, अध्याय 35, स्थापत्य एवं मूर्तिकला ग्रन्थ
2. ज्ञा., 38/108

13. कितने परमेष्ठी आपके घर में आते हैं ?

तीन परमेष्ठी घर में आहार करने एवं उपदेश देने के लिए आते हैं।

14. आर्यिका, एलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका एवं भट्टारक जी कौन से परमेष्ठी हैं ?

ये पाँचों ही कोई भी परमेष्ठी नहीं हैं।

15. कितने परमेष्ठी शयन करते हैं ?

तीन परमेष्ठी शयन करते हैं। आचार्य, उपाध्याय एवं साधु।

16. कितने परमेष्ठी की मूर्तियाँ बनती हैं ?

सभी परमेष्ठियों की मूर्तियाँ बनती हैं।

17. पाँच परमेष्ठियों की प्रतिमाएँ किस प्रकार की होती हैं ?

चिह्न एवं अष्ट प्रातिहार्य सहित अरिहन्त प्रतिमा होती है, चिह्न एवं अष्ट प्रातिहार्य से रहित सिद्ध प्रतिमा होती है, वरदहस्त सहित आचार्य की, शास्त्र सहित उपाध्याय की तथा पिच्छी-कमण्डलु सहित साधु की प्रतिमा होती है। (जैसिको, 2/301) वर्तमान में सिद्ध भगवान् की पुरुषाकार वाली मूर्तियों की भी परम्परा है।

नोट - हू-ब-हू आचार्य, उपाध्याय एवं साधु की प्रतिमा नहीं बनती है।

18. कितने परमेष्ठियों का अभिषेक होता है ?

साक्षात् किसी भी परमेष्ठी का अभिषेक नहीं होता है। प्रतिमा में जिन परमेष्ठियों की स्थापना की गई है, उनका अभिषेक होता है।