नोट - ऋतु परिवर्तन अष्टाह्नि कपर्व पूर्णमासी से अगली अष्टिाह्नि कपर्व की पूर्णमासी तक जानना चाहिए। (मंगसिर वदी 1 सेफाल्गुन सुदी 15 तक शीतल काल, चैत्र वदी 1 से आषाढ़ सुदी 14 ग्रीष्म काल, श्रावण सुदी 1 से कार्तिक सुदी 15 वर्षा काल।
नोट-इसके अतिरिक्त अन्य भी बहुत अभक्ष्य पदार्थ हो सकते है जिन्हे स्वविवेक से ही द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव, नाम, वर्ण आदि की अप्रशस्तता, प्रतिकूलता देखकर छोड़ देना चाहिए।