|| श्रीमदाचार्य उमास्वामी-विरचित ||
|| तत्वार्थसूत्र ||

मंगलाचरण

मोक्षमार्गस्य नेतारं भेत्तारं कर्मभूभृताम्।
ज्ञातारं विश्वतत्वानां वन्दे तद्गुणलब्धये।।

मोक्ष्मार्ग के प्रवर्तक, कर्मरूपी पर्वतों के भेदक अर्थात् नष्ट करने वाले, तथा विश्व के (समस्त) तत्वों के जानने वाल (आप्त) को अनेक गुणों की प्राप्ति के हेतु मैं प्रमाण करता हूं - वन्दना करता हूं।

I bow to the Lord, the promulgator of the path to liberation, the destroyer of mountains1 of karmas and the knower of the whole of reality, so that I may realize these qualities.

Blessings!

Acharya Shree 108 Vidyanandji Muniraj