।। सरस्वती देवी के 108 मंत्रों के 108 अघ्र्य ।।

अर्हद्वक्त्राब्जसंभूतां गणाधीशावतारितां।
महर्षिधारितां स्तोष्ये, नाम्नामष्टशतेन गां।।1।।

अथ मंडलस्योपरि पुष्पांजलिं क्षिपेत्।

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1 - ऊँ ह्मीं आदिब्रह्ममुखाम्भोज प्रभवायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

2 - ऊँ ह्मीं द्वादशांगिन्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

3 - ऊँ ह्मीं सर्वभषायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

4 - ऊँ ह्मीं वाण्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

5 - ऊँ ह्मीं शारदायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

6 - ऊँ ह्मीं गिरे नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

7 - ऊँ ह्मीं सरस्वत्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

8 - ऊँ ह्मीं ब्राह्म्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

9 - ऊँ ह्मीं वाग्देवतायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

10 - ऊँ ह्मीं नेव्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

11 - ऊँ ह्मींभारत्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

12 - ऊँ ह्मीं श्रीनिवासिन्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

13 - ऊँ ह्मींआचारसूत्रकृतपादायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

14 - ऊँ ह्मीं स्थानसमवायांगजंघायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

15 - ऊँ ह्मींव्याख्याप्रज्ञाप्ति-ज्ञातृ-धर्मकथांग चारूरूभासुरायै नमः अघ्र्यं...।

16 - ऊँ ह्मीं उपासकांगसन्मध्यायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

17 - ऊँ ह्मीं अंतकृद्दशांगनाभिकायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

18 - ऊँ ह्मीं अनुत्तरोपपत्तिदशप्रश्नव्याकरणस्तन्यै नमः अघ्र्यं........।

19 - ऊँ ह्मीं विपाकसूत्रसद्वक्षसे नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

20 - ऊँ ह्मीं दृष्टिवादांगकंधरायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

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21 - ऊँ ह्मीं परिकर्ममहासूत्रविपुलांसविराजितायै नमः अघ्र्यं.......।

22 - ऊँ ह्मीं चन्द्रमार्तंडप्रज्ञप्तिभास्वद्बाहुसुबल्ल्यै नमः अघ्र्यं.....।

23 - ऊँ ह्मीं जम्बूद्वीपसागरप्रज्ञप्तिसत्करायै नमः अघ्र्यं..........

24 - ऊँ ह्मीं व्याख्याप्रज्ञप्तिविभ्राजत्पंचशाखामनोहरायै नमः अघ्र्यं..........।

25 - ऊँ ह्मीं पूर्वानुयोगवदनायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

26 - ऊँ ह्मीं पूर्वाख्यचिबुकांचितायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

27 - ऊँ ह्मीं उत्पादपूर्वसन्नासायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

28 - ऊँ ह्मीं अग्रायणीयदंतायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

29 - ऊँ ह्मीं वीर्यानुप्रवाद-अस्तिनास्तिप्रवादोष्ठायें नमः अघ्र्यं......।

30 - ऊँ ह्मीं ज्ञानप्रवादकपोलायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

31 - ऊँ ह्मीं सत्यप्रवादरसनायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

32 - ऊँ ह्मीं आत्मप्रवादमहाहनवे नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

33 - ऊँ ह्मीं कर्मप्रवादसत्तलवे नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

34 - ऊँ ह्मीं प्रत्याख्यानललाटायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

35 - ऊँ ह्मीं विद्यानुवाद-कल्याणनामधेयसुलोचनायै नमः अघ्र्यं......।

36 - ऊँ ह्मीं प्राणावाय-क्रियाविशालपूर्वभ्रूधनुर्लतायै नमः अघ्र्यं.....।

37 - ऊँ ह्मीं लोकबिन्दुमहासारचूलिका श्रवणद्वयायै नमः अघ्र्यं......।

38 - ऊँ ह्मीं स्थलगाख्यलसच्छीर्षायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

39 - ऊँ ह्मीं जलगाख्यमहाकचायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

40 - ऊँ ह्मीं मायागतसुलावण्यायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

41 - ऊँ ह्मीं रूपगाख्यसुरूपिण्यै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

42 - ऊँ ह्मीं आकाशगतसौंदर्यायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

43 - ऊँ ह्मीं श्रीकलापिसुवाहनायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

44 - ऊँ ह्मीं निश्चयव्यवहार दृड्.नूपुरायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

45 - ऊँ ह्मीं बोधमेखलायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

46 - ऊँ ह्मीं सम्यक्चारित्रशीलहारायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

47 - ऊँ ह्मीं महोज्ज्वलायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

48 - ऊँ ह्मीं नैगमामोघकेयूरायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

49 - ऊँ ह्मीं संग्रहानघचोलकायै नमः अघ्र्यं निर्वपामीति स्वाहा।

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