।। द्रव्य प्राप्ति मन्त्र ।।

jain temple285
अरहंत सिद्ध आइरिय उवज्झाय सव्वसाहूणं।

विधि - इस मन्त्र का सवा लाख जप विधि पूर्वक करे तो द्रव्य प्राप्ति हो।

द्रव्य लाभ, सर्व सिद्धि दायक मन्त्र
ऊँ अरहंताणं सिद्धाणं आयरियाणं उवज्झायाणं साहूणंमम रिद्धि वृद्धि समीहित कुरू कुरू स्वाहा।

विधि -स्नान करने के पश्चात पवित्र होकर प्रभात मध्यान्ह अपरान्ह तीनो समय इस मन्त्र का जाप करे । द्रव्य लाभ हो, सर्व-सिद्धि हो।

नोट - 21 दिन तक तीनों समय के सामायिक के वक्त निर्भय होकर दो-दो घड़ी जाप्य करे।

वादजीतन मन्त्र
ऊँ हं सः ऊँ अहं, ऐंश्रींअ-सि-आ-उ-सानमः।

पहले यह मन्त्र पढत्रकर एक लक्ष या सवा लक्ष जप सिद्ध कर लेवे, फिर जहां वाद विवाद में जाना हो वहां यह मन्त्र 21 बार पढ़कर जावे तो वाद विवाद में आप जीते, जाय पावे।

विद्या प्रप्ति, वाद जीतनमन्त्र

ऊँ ह्मीं अ-सि-आ-उ-सानमो अर्हवादिनि सत्यवादि निवाग्वादिनि वद वदम वक्त्रे व्यक्त वाचया सत्यं-व्रूहिसत्य-वू्रहिसत्य वद सत्यं वद अस्खलित प्रचार सदैव मनुजासुरसदसिह्मींअसहूंअ-सि-आ-उ-सानमः।

विधि - यह मन्त्र एक लक्ष बार जपिए तो सर्व विद्या आवे और जहां वाद विवाद करना पड़ जाए तो वहा वाद के झगड़े में बोल ऊपर होय, जीत पावे।

मन-चिन्ता-कार्य-सिद्धि मन्त्र
ऊँ ह्मांह्मींह्मूंह्मौं ह्मः अ-सि-आ-उ-सानमः स्वाहा।

विधि -इस मन्त्र से मन-चिन्ता कार्य सिद्ध होय। अर्थात जब यह मन्त्र जपे आगे धूप जलाकर रख ले। जिस कार्य की सिद्धि के वास्ते जपे, मन में उसे रखे कि फलाने कार्य की सिद्धि के वास्ते यह जपता है। यदि कोई इस मन्त्र का सवा लाख जप करे तो मन चिन्ते कार्य होंय, सब कार्य की सिद्धि होवे।

परदेशलाभमन्त्र
ऊँ णमो अरहन्ताणं ऊँ णमो भगवइए चन्दायई एस तट्ठाए गिरेमोरमोरहुलहुलचुलुचुलुमयूरवाहिनिए स्वाहा।

जब किसी परदेश में रोजगार के वास्ते धन प्राप्ति के लिए जावे तो पहेल श्री पाश्र्वनाथ भगवान् की प्रतिमा के सामने यह मन्त्र दस हजार जपे। फिर श्रेष्ठ मुहूर्त में गमन करे। जिस दिन जिस समय गमन करने लगे इस मन्त्र को 108 बार जपे। जब उस नगर में पहुंचे तो यह मन्त्र 108 बार जपे। जिस नगर में जावे रोजगर करे, लाभ हो। महान् धन मिले।

नोट - जिस नगर में जावे रोजगार के लिए, वहां मंगलवार के दिन प्रवेश न करे। मंगल के दिन प्रवेश करे तो हानि हो। घर की पूंजी खोकर कर्ज दार हो दिवाला निकाले, काम बन्द हो।