|| आरती - जय चंद्रप्रभु देवा ||
ॐ जय चंद्रप्रभु देवा, जय चंद्रप्रभु देवा |
तुम ही विघ्न विनाशक, पार करो खेवा || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
मात सुलक्षणा पिता तिहारे महासेन देवा |
चन्द्रपुरी में जनम लियो हे , देवों के देवा || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
जन्मोत्सव पर प्रभु तिहारे, सुर वंदन आये |
बाल्यकाल की लीला लख लख सब ही हरषाय || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
राज्यकाल की न्याय नीति तो सबके मन भायी |
क्षण -भंगुर जग -जाल जान फिर, आतम सुध लाई || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
फागुन बदी सप्तमी को शुभ, केवल ज्ञान हुआ |
खुद जियों जीनो दो सबको, यह सन्देश दिया || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
अलवर प्रांत में नगर तिजारा, देहरे में प्रकटे |
दुःख कटे तुम नाम जपत हो, सुख ही सुख मिलते || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
दीनबंधू करुनानिधान, अब आया तव द्वारे |
जनम मरण दुःख हरो शिखर का शरण पडा थारे || ॐ जय चंद्रप्रभु देवा ||
 
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