|| आरती श्री महावीर स्वामी ||
जय सन्मति देवा, प्रभु जय सन्मति देवा |
वर्द्धमान महावीर वीर अति, जय संकट छेवा || टेक ||
सिद्धारथ नृप नंद दुलारे, त्रिशला के जाये |
कुण्डलपुर अवतार लिया, प्रभु सुर नर हर्षाये || ॐ जय....
देव इन्द्र जन्माभिषेक कर, उर प्रमोद भरिया |
रूप आपका लख नहिं पाये, सहस आंख धरिया || ॐ जय....
जल में भिन्न कमल ज्यों रहिये, घर में वाल यती |
राजपाट ऐश्वर्य छोड़ सब, ममता मोह हती || ॐ जय....
बारह वर्ष छद्यावस्था मे, आतम ध्यान किया |
घाति-कर्म चकचूर, चूर प्रभु केवल ज्ञान लिया || ॐ जय....
पावापुर के बीच सरोवर, आकर योग कसे |
हने अघातिया कर्म शत्रु सब, शिवपुर जाय बसे || ॐ जय....
भूमंडल के चांदनपुर में, मंदिर मध्य लसें |
शांत जिनेश्वर मूर्ति आपकी, दर्शन पाप नसें || ॐ जय....
करुणासागर करुणा कीजे, आकर शरण गही |
दीन दयाला जगप्रतिपाला, आनंद भरण तुही || ॐ जय....
 
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