।। भक्ष्या भक्ष्य पदार्थ एवं मर्यादाएं ।।
jain temple307

व्यवहारगत सूतक-पातक शुद्धि का काल प्रमाण

क्र.
जन्म
मरण
1.
3 पीढ़ी तक
10 दिन
12 दिन
2.
4 पीढ़ी तक
10 दिन
12 दिन
3.
5 पीढ़ी तक
6 दिन
6 दिन
4.
6 पीढ़ी तक
4 दिन
4 दिन
5.
7 पीढ़ी तक
2 दिन
2 दिन
6.
8 पीढ़ी तक
8 पहर या 1 दिन
8 पहर या 1 दिन
7.
9 पीढ़ी तक
दोपहर
दोपहर
8.
10 पीढ़ी तक
स्नान मात्र से शुद्धि
स्नान मात्र से शुद्धि
9.
पुत्री, दासी, दास अपने घर मे मरें
3 दिन
10.
पुत्री, दासी आदि की प्रसूति मे हो तो
1 दिन
11.
गाय, भैंस जानवर जन्म/मृत्यृ
1 दिन
1 दिन
12.
अनाचारी स्त्री या पुरूष के घर
सदा
सदा
13.
1 महीना तक के बालक का
1 दिन
14.
8 वर्षतक के बालक का
3 दिन
15.
जितने महीने का गर्भपात हो
उतनेदिन
15.
जितने महीने का गर्भपात हो
उतनेदिन
16.
3 मांस तक गर्भ पात
3 दिन
17.
3 मांस तक गर्भ पात
3 दिन
18
आत्मघात करके, मरा हो तो परिवार को
3 माह या कहीं
6 माह भी लिखा है
19.
गृह त्यागी सन्यासी
2 दिन
20.
गृहस्थ परदेशमण हुआ हो तो
सूचना मिलने के बाद पातक के
जितने दिन शेष बचे हों।
21.
स्वगोत्री बन्धु मरे तो
स्नान मात्र से शुद्धि
22.
अन्य किसी के जातीय विजातीय दाह
स्नान मात्र से शुद्धि
संस्कार मे गये हो तो

नोट- (प्रसूति स्त्री के 45 दिन (कदाचित् 40 दिन) का सूतक होता है। (प्रसूति का स्थन 1 माह तक अशुद्ध रहता है।)

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